(Mohammad salman/ twitter) |
स्टूडेंट एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा जेल से बाहर आ गए हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्हें मंगलवार को जमानत दी थी लेकिन तब इनकी रिहाई नहीं हुई थी.
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को इन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था. इसके बाद ये तीनों शाम को जेल से बाहर आ गए.
पुलिस ने इन्हें पिछले साल फ़रवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में यूएपीए क़ानून के तहत अभियुक्त बनाया था. इनकी गिरफ़्तारी पिछले साल मई महीने में हुई थी. तीनों नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन में काफ़ी मुखर रहे थे.
नरवाल और कलिता पिंजड़ा तोड़ आंदोलन की एक्टिविस्ट हैं और इक़बाल आसिफ़ जामिया के छात्र हैं.
दिल्ली जेल के डायरेक्टर जनरल संदीप गोयल ने तीनों की रिहाई की पुष्टि की है. जेल के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, “नताशा और देवांगना को शाम सात बजे रिहा किया गया जबकि तन्हा की रिहाई शाम साढ़े सात बजे के करीब हुई.”
गुरुवार को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायधीश रविंदर बेदी ने दिल्ली पुलिस की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया, जिसमें रिहाई में तीन दिन और समय देने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने रिहाई में देरी के लिए अभियुक्तों के स्थायी पते की पुष्टि के तर्क को ख़ारिज कर दिया.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ''बेल के बाद भी जेल में रहने देने का ये कोई स्वीकार्य तर्क नहीं है.''
पुलिस का तर्क था कि वेरिफिकेशन में वक़्त लग रहा है. दिल्ली कोर्ट के इस आदेश के पहले ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं होने पर तीनों स्टूडेंट एक्टिविस्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट में संपर्क किया था. इन्होंने कोर्ट में कहा था कि ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं करना क़ानून का उल्लंघन है.
Northeast Delhi Violence: Pinjara Tod activists Natasha Narwal & Devangna Kalita released from Tihar Jail following Delhi High Court bail order of June 15th pic.twitter.com/UlQdrhJjvC
— ANI (@ANI) June 17, 2021